Migraine के दर्द में राहत पाने के लिये आयुर्वेदिक उपाय। Migraine Pain Relief Tips Hindi

Migraine के बारे में

माइग्रेन एक प्रकार का तेज सिरदर्द है। यह घबराहट, उल्टी, या प्रकाश और आवज के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षणों के साथ हो सकता है। कई लोगों में यह दर्द सिर के एक तरफ ही महसूस होता है। माइग्रेन एक सामान्य अक्षम मस्तिष्क विकार है। इसकी विशेषता एक धड़कते हुए और गंभीर सर दर्द से होती है | जिसमे मतली और उलटी जैसे दुष्प्रभाव होते है, यहाँ माइग्रेन को ठीक करने लिए असरदार और घरेलु आयुर्वेदिक है ,Migraine का दौडा बहुत ज्यादा दर्दनाक होता है जो लोग इसे बार बार अनुभव करते है | उनके लिए जीवन व्यापन बहुत मुश्किल भरा हो जाता है Migraine के हमले की शुरुआत से ठीक पहले या migraine दौरान लोगों को आभा या ह्रदय में गड़बड़ी का भी अनुभव होता है। यह आमतौर पर चेहरे के एक तरफ होता है और बोलने में कठिनाई या हाथों और पैरों में झुनझुनी सनसनी हो सकती है।एक व्यक्ति के Migraine 3 घंटे से कुछ दिनों तक चल सकता है। दवा और कुछ खाद्य पदार्थों से लक्षणों में सुधार हो सकता है। कुछ आयुर्वेदिक उपचार हैं जिन्हें दर्द से राहत के लिए घर पर आजमाया जा सकता है। भीगी हुई किशमिश, इलायची की चाय और गाय का घी आपके Migraine के दर्द के लिए अद्भुत काम कर सकता है क्योंकि ये दोषों को संतुलित करने में मदद करते हैं |और स्वास्थ्य समस्या से जुड़े लक्षणों से भी राहत दिलाते हैं।और ये घरेलु उपाय आयुर्वेदिक जल्दी प्रभाव डालते है migraine पर जिससे जल्दी रहत मिलती है |

 

 

माइग्रेन किस विटामिन की कमी से होता है

Which Vitamin Deficiency Causes Migraine in Hindi:-

 

Migraine के दर्द में राहत पाने के लिये आयुर्वेदिक उपाय। Migraine Pain Relief Tips Hindi
Migraine के दर्द में राहत पाने के लिये आयुर्वेदिक उपाय। Migraine Pain Relief Tips Hindi

लोगों को अपने जीवन में कभी-न-कभी सिरदर्द का सामना जरूर करना पड़ता है। सिरदर्द कई प्रकार के होते हैं, इसमें से एक माइग्रेन भी शामिल है, माइग्रेन होने पर सिर के एक तरफ तेज दर्द महसूस होता है। यह दर्द कुछ मिनट से लेकर दिनों तक रह सकता है। माइग्रेन का दर्द कभी-कभार उठता है,और यह व्यक्ति की पूरी दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है। आजकल अधिकतर लोगों को माइग्रेन के दर्द का सामना करना पड़ रहा है। माइग्रेन के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी होने पर भी माइग्रेन का दर्द उठ सकता है। तो जानते हैं क्या है वो पोषक तत्व जिनके कारण कमी होती है

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स बहुत जरूरी विटामिन होता है। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स में कई विटामिन आते हैं। जैसे इसमें विटामिन बी2, बी 1, बी 3, बी 5, बी 6 विटामिन बी12 आदि को शामिल किया जाता है।और इसके अलावा राइबोफ्लेविन और नियासिन भी शामिल हैं। शरीर में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी होने पर आपको माइग्रेन के लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है ये बहुत ही घातक हो सकता है । अगर आपको बार-बार माइग्रेन का दर्द उठता है, तो विटामिन बी कॉम्प्लेक्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये लेने के लिए आप फिश, अंडे, दूध, नॉन वेग आदि खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। आप अगर चाहें विटामिन बी सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
मैग्नीशियम
नर्व फंक्शन, ब्लड प्रेशर और मसल्स फंक्शन को सुचारू बनाए रखने में मैग्नीशियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. मैग्नीशियम की कमी से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है. मैग्नीशियम सप्ली‍मेंट्स लेने से माइग्रेन दर्द में राहत मिल सकता है।
विटामिन डी
शरीर में विटामिन डी की कमी से भी माइग्रेन का अटैक पड़ सकता है. विटामिन डी ब्रेन में इनफ्लेमेशन (Inflammation) से लड़ता है. इसके अलावा विटामिन डी मैग्नीशियम एब्जॉर्पशन को बढ़ाता है और माइग्रेन अटैक के दौरान बढ़ने वाले सब्सटैंस के प्रोडक्शन को कम करता है. विटामिन डी का नियमित सेवन माइग्रेन से बचाव कर सकता है|

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माइग्रेन से क्या खतरा है

​माइग्रेन के मरीजों में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा जैसे |

1.स्ट्रोक
2.हार्ट अटैक
3.अवसाद और तनाव
4.हाई ब्लड प्रेशर
5.पेटेंट फोरमैन ओवले(हार्ट के ऊपरी छोर पर होने वाला छेद)
6.मिरगी
7.अनिद्रा

8.अवसाद और तनाव
9.कान का बजना

खाने का रखें विशेष ध्यान |

खाद्य पदार्थ जैसे पुराने पनीर और नमकीन और प्रोसेस्ड फूड माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। नियमित और समय से भोजन करें। खाने में हरी सब्जी, नट्स, मछली(सैल्मन, बांगडा), अदरक, खट्टे फल माइग्रेन से बचाव करने और इसके दर्द को कम करने का काम करता है।

अगर आप माइग्रेन के मरीज हैं, तो आपके लिए एक बुरी खबर है ये मई नहीं कह रहा जर्मनी के इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ और अमेरिका के हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक के शोधकर्ता लगाया है । माइग्रेन जैसी बीमारी अपने आप में काफी दर्दनाक है लेकिन अब इसके साथ कुछ और भी खतरे जुड़ गए हैं। जी हां, अगर आप माइग्रेन को महज एक सिरदर्द की तरह देखते हैं तो हम आपको बता दें कि माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं बल्कि अपने साथ हृदयाघात(HEART ATTACK ) का खतरा भी साथ लेकर आता है। इतना ही नहीं यह कम उम्र में ही आपकी मौत के लिए जिम्मेदार भी हो सकता है।

 

 

कुछ घरेलु आयुर्वेदिक उपाय जो की रसोई में आसानी से उपलब्ध है |

एक जो की आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ ने अपने हाल ही में इंस्टाग्राम पोस्ट में 3 खाद्य पदार्थों के बारे में बात की जो Migraine के लक्षणों को दूर करने के लिए, जो रसोई घरेलु में आसानी से उपलब्ध हैं|

भीगी हुई किशमिश
आप सुबह सबसे पहले हर्बल चाय ले सकते हैं और फिर 10-12 रात को भीगी हुई किशमिश का सेवन कर सकते हैं। यह Migraine के सिरदर्द से राहत दिलाने में कमाल का काम करेगा। जब 10 सप्ताह तक लगातार सेवन किया जाता है, तो यह बढ़े हुए वात के साथ शरीर में अतिरिक्त पित्त को कम कर देता है और माइग्रेन से जुड़े सभी लक्षणों जैसे अम्लता, मतली, जलन, एकतरफा सिरदर्द, गर्मी के प्रति असहिष्णुता आदी से शांति प्रदान करता है|

 

भीगी हुई किशमिश
Migraine के दर्द में राहत पाने के लिये आयुर्वेदिक उपाय। Migraine Pain Relief Tips Hindi

गाय का घी
शरीर और दिमाग में अतिरिक्त पित्त को संतुलित करने के लिए गाय के घी से बेहतर कोई काम नहीं है।

घी का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है:जैसे
1. खाने में रोटी घी मिलकर खाये
2. सोते समय दूध के साथ लिया जा सकता है
3 . दवाओं के साथ – Migraine के लिए कुछ जड़ी-बूटियों जैसे ब्राह्मी, शंखपुष्पी, को घी के साथ लिया जा सकता है असरदार है |

 

 

 

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