
कर्नाटक मंत्री प्रियांक खड़गे के करीबी लिंगराज कन्नी ड्रग्स मामले में गिरफ्तार
ठाणे (महाराष्ट्र), 14 जुलाई 2025: कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे के करीबी और कांग्रेस नेता लिंगराज कन्नी को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 120 बोतल प्रतिबंधित कोडीन सीरप के साथ गिरफ्तार किया गया है। इस मामले को NDPS एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985) के तहत दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
लिंगराज कन्नी, जो कि कलबुर्गी साउथ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, को ठाणे के बाजारपेठ (कल्याण) पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि वह इन सीरप बोतलों को अवैध तरीके से बेचने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति कोडीन युक्त सीरप के साथ शहर में घूम रहा है। इसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लिंगराज कन्नी को रंगे हाथों पकड़ लिया। उनके पास से 120 बोतल प्रतिबंधित दवा बरामद हुई है, जिसकी बाजार कीमत लाखों रुपये में हो सकती है।
राजनीतिक हलकों में मचा हड़कंप
इस गिरफ्तारी से कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है। यह पहला मौका नहीं है जब प्रियांक खड़गे के किसी करीबी पर आरोप लगे हों। दिसंबर 2024 strong में भी एक कॉन्ट्रैक्टर की आत्महत्या मामले में उनके एक अन्य सहयोगी का नाम सामने आया था, जिसमें ठेका दिलाने के नाम पर कथित तौर पर उगाही की बात कही गई थी।
अब लिंगराज कन्नी की गिरफ्तारी ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है। विपक्षी दलों ने प्रियांक खड़गे से जवाबदेही की मांग की है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी</strong से करवाने की मांग की है।
कोडीन सीरप: दवा या नशा?
कोडीन युक्त सीरप आमतौर पर खांसी की दवा के तौर पर दी जाती है, लेकिन इसका अत्यधिक और अनियंत्रित सेवन नशे का रूप ले सकता है। इसलिए NDPS एक्ट के तहत इसे नियंत्रित किया गया है। बिना वैध डॉक्युमेंट्स और लाइसेंस के इसे रखना और बेचना कानूनन अपराध है।
आगे क्या?
लिंगराज कन्नी के खिलाफ NDPS की धाराओं में केस दर्ज किया गया है और कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इस मामले में कोई और राजनीतिक नाम या नेटवर्क शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां अब कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में लिंगराज कन्नी के संपर्कों और वित्तीय लेन-देन की पड़ताल कर रही हैं।
इस मामले ने राज्य की कांग्रेस सरकार के लिए एक बार फिर मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, खासकर जब यह मामला मंत्री प्रियांक खड़गे के करीबी से जुड़ा हो।