
दुबई जाना हर भारतीय का सपना होता है – कोई काम के लिए, कोई घूमने के लिए और कोई सपनों को साकार करने के लिए। लेकिन अगर मैं आपसे कहूं कि अब दुबई जाना उतना ही आसान हो सकता है जितना मुंबई से पुणे जाना, तो क्या आप यकीन करेंगे?
जी हां, यह कोई सपना नहीं, बल्कि एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो आने वाले कुछ वर्षों में हकीकत बन सकता है। मैं बात कर रहा हूं एक ऐसे अंडरवॉटर हाई-स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट की जो भारत के मुंबई शहर को सीधे दुबई से जोड़ेगा – और वह भी सिर्फ 2 घंटे में!
2030 तक बन सकता है दुनिया का सबसे लंबा अंडरवॉटर रेल रूट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) मिलकर इस अंडरवॉटर रेल कॉरिडोर पर विचार कर रहे हैं। यह प्रोजेक्ट अगर समय पर पूरा हो गया तो यह दुनिया का सबसे लंबा अंडरवॉटर ट्रेन रूट बन सकता है, जिसकी लंबाई लगभग 2000 किलोमीटर होगी।
इसमें हाई-स्पीड ट्रेनें समुद्र के नीचे बनी टनल्स के जरिए दौड़ेंगी। ये टनल्स फ्लोटिंग पाइप तकनीक से समुद्र की सतह के नीचे बनाई जाएंगी।
वीडियो: देखें कैसी हो सकती है यह अंडरवॉटर ट्रेन
कितनी बड़ी क्रांति ला सकता है यह प्रोजेक्ट?
मैं मानता हूं कि यह प्रोजेक्ट केवल एक ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं बल्कि एक सोच की क्रांति है। इससे भारत और दुबई के बीच का व्यापार, टूरिज्म और पर्सनल कनेक्शन कई गुना बढ़ सकता है। सोचिए – सिर्फ दो घंटे में आप मुंबई से दुबई पहुंच सकते हैं, वो भी बिना प्लेन के।
प्रोजेक्ट की संभावनाएं और चुनौतियां
बात करें चुनौतियों की तो यह प्रोजेक्ट बहुत ही महंगा और टेक्निकल रूप से जटिल है। समुद्र के नीचे एक स्थिर और सुरक्षित सुरंग बनाना आसान नहीं है। इसके लिए अरबों डॉलर की लागत, एडवांस इंजीनियरिंग और भारत-UAE के बीच मजबूत सहयोग की जरूरत होगी।
लेकिन जिस तेजी से आज दुनिया बदल रही है, उसमें यह प्रोजेक्ट भी असंभव नहीं लगता। UAE पहले से ही कई हाई-टेक प्रोजेक्ट्स में लीड कर रहा है और भारत भी अब टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर में पीछे नहीं है।
भारत और UAE के रिश्तों को मिलेगा नया आयाम
मैंने खुद दुबई में रहकर देखा है कि यहां भारतीयों की संख्या कितनी ज्यादा है। लाखों भारतीय हर साल यहां काम के लिए या घूमने के लिए आते हैं। इस अंडरवॉटर ट्रेन से दोनों देशों के बीच सिर्फ दूरी ही नहीं, दिलों की नज़दीकियां भी बढ़ेंगी।
मेरी राय में…
एक भारतीय नागरिक के तौर पर, और एक पत्रकार के नाते मैं कहना चाहूंगा कि यह प्रोजेक्ट अगर हकीकत में बदलता है, तो यह आने वाले समय में भारत और दुनिया की ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री में नया इतिहास रच देगा। यह केवल एक ट्रेन नहीं होगी, यह होगा भविष्य की रफ्तार की शुरुआत।
अब देखना यह होगा कि 2030 तक क्या हम सच में समुद्र के नीचे दौड़ती इस ट्रेन में सफर कर रहे होंगे या नहीं। लेकिन उम्मीद तो की ही जा सकती है।
यह रिपोर्ट पहली खबर डॉट कॉम के लिए राकेश कुमार द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई है।