ताजमहल के पीछे गंदगी की तस्वीरें वायरल, पोलिश पर्यटकों ने उठाया सवाल
आगरा, 14 जुलाई 2025: विश्व प्रसिद्ध धरोहर ताजमहल एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार कारण इसकी खूबसूरती नहीं बल्कि इसके पीछे फैली गंदगी है। पोलैंड से आए कुछ पर्यटकों ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जिसमें ताजमहल के पीछे यमुना किनारे भारी मात्रा में कचरा और बदबूदार पानी साफ नजर आ रहा है।
क्या दिखाया वीडियो में?
वीडियो में एक पोलिश ट्रैवल व्लॉगर यह दिखाता है कि ताजमहल के ठीक पीछे यमुना नदी का पानी काला और बदबूदार है, और किनारे पर प्लास्टिक, मल-मूत्र, और घरेलू कचरे के ढेर लगे हैं। उसने वीडियो में कहा, “It stinks terribly” यानी “यह भयानक बदबू करता है”। यह वाक्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और कई यूज़र्स ने वीडियो को साझा किया।
प्रशासन पर सवाल
इस वीडियो के वायरल होते ही आगरा प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह शर्मनाक है कि भारत की सबसे बड़ी धरोहर के पीछे ऐसी स्थिति बनी हुई है। विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
सरकारी प्रतिक्रिया
आगरा नगर निगम के अधिकारियों ने तुरंत सफाई दल भेजकर क्षेत्र की स्थिति को बेहतर करने की कोशिश की। प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि यमुना सफाई अभियान के तहत कार्य चल रहा है, लेकिन मानसून और नालों के बहाव से स्थिति बिगड़ी है।
सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रिया
वीडियो वायरल होते ही #TajMahalPollution, #CleanYamuna और #SwachhBharat जैसे हैशटैग ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करने लगे। कई यूज़र्स ने सरकार से ताजमहल जैसे स्थलों की बेहतर निगरानी और साफ-सफाई की मांग की।
क्या है आगे की राह?
सरकार और स्थानीय प्रशासन ने अब इस पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। साथ ही, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत यमुना किनारे की विशेष सफाई योजना पर भी विचार किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिए हैं कि ताजमहल के आसपास पर्यावरणीय निगरानी और कचरा प्रबंधन को सख्ती से लागू किया जाएगा।
निष्कर्ष
ताजमहल सिर्फ भारत की सांस्कृतिक विरासत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों का सपना भी है। यदि इस धरोहर के आसपास की सफाई और पर्यावरणीय स्थिति को जल्द सुधारा नहीं गया, तो इसका प्रभाव पर्यटन और भारत की छवि दोनों पर पड़ सकता है। पोलिश पर्यटकों की वीडियो ने एक बार फिर दिखा दिया है कि हमें केवल सौंदर्य नहीं, स्वच्छता और संरक्षण की दिशा में भी गंभीर होना होगा।