
नमस्कार दोस्तों, मैं हूं राकेश, एक राजनीतिक विश्लेषक जो पिछले 15 सालों से भारतीय राजनीति के उतार-चढ़ाव को करीब से देख रहा हूं। आज हम बात करने वाले हैं Vice President Election की, जो आज नई दिल्ली के संसद भवन में होने जा रहा है। कल्पना कीजिए, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सांसदों की लंबी कतारें, हर वोट पर टिकी नजरें, और शाम 6 बजे से शुरू होने वाली मतगणना जो रात भर चलेगी। क्या एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जीतेंगे या इंडिया ब्लॉक के बी सुंदरशन रेड्डी बाजी मारेंगे? चलिए, इस Vice President Election को गहराई से समझते हैं, जैसे दोस्तों के साथ चाय पर चर्चा कर रहे हों।
Vice President Election का बैकग्राउंड: कैसे पहुंचा यहां तक?

दोस्तों, Vice President Election की कहानी बड़ी दिलचस्प है। आप जानते ही होंगे कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया, जिसके चलते यह चुनाव समय से पहले हो रहा है। यह भारत का 17वां Vice President Election है, और इसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालेंगे। कुल मिलाकर, राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य और लोकसभा के सदस्य मिलकर इलेक्टोरल कॉलेज बनाते हैं। लेकिन यहां ट्विस्ट है – कुछ सीटें खाली हैं, तो वोटों की संख्या थोड़ी कम हो सकती है।
मैंने कई सालों से ऐसे चुनावों को कवर किया है, और मुझे लगता है कि यह Vice President Election राजनीतिक गठबंधनों की असली परीक्षा होगी। एनडीए के पास बहुमत है, लेकिन इंडिया ब्लॉक ने मजबूत उम्मीदवार उतारकर खेल पलटने की कोशिश की है।
चलिए, उम्मीदवारों पर नजर डालते हैं। एनडीए की तरफ से महाराष्ट्र के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन हैं, जो एक अनुभवी राजनेता हैं। उन्होंने दक्षिण भारत की राजनीति में बड़ा नाम कमाया है, और उनके पास विकास और प्रशासन का लंबा अनुभव है। दूसरी तरफ, इंडिया ब्लॉक ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुंदरशन रेड्डी को मैदान में उतारा है। वह न्यायिक क्षेत्र के दिग्गज हैं, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसलों में हिस्सा लिया है।
क्या यह न्याय बनाम राजनीतिक अनुभव का मुकाबला है? मेरे हिसाब से, हां! Vice President Election में ऐसे मुकाबले हमेशा रोमांच बढ़ाते हैं।
Vice President Election की वोटिंग प्रक्रिया: स्टेप बाय स्टेप समझिए
अब आते हैं मुख्य मुद्दे पर – वोटिंग कैसे होगी? दोस्तों, Vice President Election में वोटिंग गुप्त मतदान से होती है। सांसद संसद भवन में पहुंचेंगे, जहां रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोदी सब संभाल रहे हैं।
सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगी। हर सांसद को एक बैलट पेपर मिलेगा, जहां वे अपना पसंदीदा उम्मीदवार चुनेंगे। कोई ईवीएम नहीं, पुराने जमाने का पेपर वोटिंग! और हां, अगर कोई सांसद अनुपस्थित रहा, तो उसका वोट नहीं गिना जाएगा।
मैंने ऐसे कई चुनाव देखे हैं, और एक बात बताता हूं – Vice President Election में क्रॉस वोटिंग का खतरा हमेशा रहता है। एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में अच्छा बहुमत है, लेकिन इंडिया ब्लॉक के नेता दावा कर रहे हैं कि कुछ सांसद उनका साथ देंगे। शाम 6 बजे मतगणना शुरू होगी, और रिजल्ट्स मंगलवार देर रात या बुधवार सुबह तक आ सकते हैं।
क्या होगा अगर टाई हो गया? तब लॉटरी से फैसला होगा, लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होगा।
PM Modi नहीं जाएंगे UNGA: संयुक्त राष्ट्र की बड़ी बैठक में जयशंकर करेंगे भारत का नेतृत्व
Vice President Election में पार्टियों की रणनीति: एनडीए vs इंडिया ब्लॉक
चलिए, थोड़ा गहराई में जाते हैं। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को चुनकर दक्षिण भारत पर फोकस किया है, जहां बीजेपी मजबूत हो रही है। उनके अनुभव से गठबंधन को फायदा मिलेगा। वहीं, इंडिया ब्लॉक ने जस्टिस रेड्डी को उतारकर न्याय और संविधान की बात की है, जो विपक्ष की मुख्य थीम है।
मैं राकेश हूं, और मेरे अनुभव से कहता हूं कि Vice President Election सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि राज्यसभा की चेयरमैनशिप भी है, जो बिल पास करने में अहम भूमिका निभाती है।
क्या आप जानते हैं कि पिछले Vice President Election में जगदीप धनखड़ ने 528 वोटों से जीत हासिल की थी?
इस बार संख्या अलग हो सकती है, क्योंकि कुछ सीटें खाली हैं। कुल इलेक्टोरल कॉलेज में 788 सदस्य हैं, लेकिन वर्तमान में 5 राज्यसभा सीटें खाली हैं।
तो, जीत के लिए कम से कम 50% से ज्यादा वोट चाहिए। एनडीए का दावा है कि उनके पास 400 से ज्यादा वोट हैं, लेकिन इंडिया ब्लॉक कह रहा है कि सरप्राइज होगा।
ट्रम्प टैरिफ (Trump Tariffs) रद्द हुए तो अमेरिका का क्या होगा? 5 बड़े नुकसान जो चौंका देंगे
Vice President Election का इतिहास: कुछ रोचक किस्से
दोस्तों, Vice President Election की बात हो और इतिहास न छेड़ें, तो मजा नहीं आता। भारत का पहला उपराष्ट्रपति एस राधाकृष्णन थे, जो बाद में राष्ट्रपति बने। पिछले चुनावों में हमेशा दिलचस्प मुकाबले हुए हैं। जैसे 2017 में वेंकैया नायडू ने जीत हासिल की। इस Vice President Election में भी, स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे ने सबको चौंका दिया।
मैंने कई किताबें पढ़ी हैं राजनीति पर, और मानता हूं कि ऐसे चुनाव देश की दिशा तय करते हैं।
अब सोचिए, अगर सीपी राधाकृष्णन जीतते हैं, तो एनडीए की पकड़ मजबूत होगी। वहीं, बी सुंदरशन रेड्डी की जीत विपक्ष को नई ऊर्जा देगी। Vice President Election सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनावों की झलक है।
Vice President Election के प्रभाव: राजनीति से आगे
चलिए, प्रभाव पर बात करते हैं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का चेयरमैन होता है, जो बहसों को नियंत्रित करता है। Vice President Election जीतने वाला व्यक्ति राष्ट्रपति के अनुपस्थिति में उनकी जिम्मेदारी भी संभाल सकता है। मेरे जैसे विश्लेषक के लिए, यह चुनाव गठबंधनों की मजबूती बताता है। एनडीए में बीजेपी, एनडीपी, जेडीयू आदि हैं, जबकि इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके शामिल हैं।
और हां, Vice President Election में कोई आम वोटर नहीं, सिर्फ सांसद। तो, लॉबिंग और मीटिंग्स का दौर चला होगा। मैंने सुना है कि दोनों पक्षों ने व्हिप जारी किया है, लेकिन क्रॉस वोटिंग का डर तो रहता ही है।
Vice President Election पर मेरी राय: क्या होगा नतीजा?
दोस्तों, अब मेरी व्यक्तिगत राय। मैं राकेश हूं, और पिछले चुनावों के आधार पर कहता हूं कि एनडीए का पलड़ा भारी है। लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है। Vice President Election का रिजल्ट देश की राजनीति को नई दिशा देगा। शाम तक अपडेट्स आते रहेंगे, तो आंखें खुली रखिए।
इस Vice President Election ने मुझे याद दिलाया कि लोकतंत्र कितना जीवंत है। हम जैसे लोग बस विश्लेषण करते हैं, लेकिन असली खेल तो संसद में है।
FAQs
1. Vice President Election कब और कहां हो रहा है?
यह चुनाव आज, 9 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के संसद भवन में हो रहा है। वोटिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक।
2. Vice President Election में कौन-कौन उम्मीदवार हैं?
एनडीए से सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक से बी सुंदरशन रेड्डी।
3. Vice President Election के रिजल्ट्स कब आएंगे?
मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी, और रिजल्ट्स देर रात या अगली सुबह तक।
4. Vice President Election में वोट कैसे गिने जाते हैं?
गुप्त मतदान से, और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से।
5. Vice President Election का महत्व क्या है?
यह उपराष्ट्रपति चुनता है, जो राज्यसभा का चेयरमैन भी होता है।



