
Premanand Maharaj: जीवन में पैसा या भगवान, किसे चुनें?
नमस्कार दोस्तों! मैं राकेश हूं, और आध्यात्मिक दुनिया में सालों से सफर करते हुए, मैंने कई संतों की वाणी सुनी है। लेकिन Premanand Maharaj की बातें कुछ अलग ही छू जाती हैं। आज हम उनके भजन मार्ग पर आधारित उन सवालों-जवाबों पर चर्चा करेंगे जो जीवन के असली मकसद को उजागर करते हैं। क्या पैसा कमाना ही सबकुछ है? ये पोस्ट मैंने उनके वीडियोज से इंस्पायर होकर लिखी है, अपनी स्टाइल में, जैसे हम घर बैठे गपशप कर रहे हों। मेरे पर्सनल एक्सपीरियंस भी मिलाए हैं, ताकि ये सिर्फ लेक्चर न लगे।
बचपन से हमें पढ़ाया जाता है कि बड़ा आदमी बनो, अच्छी कंपनी जॉइन करो, यश कमाओ, पैसा इकट्ठा करो। लेकिन Premanand Maharaj कहते हैं कि बिना भजन के ये सब व्यर्थ है। मैंने खुद देखा है, जब मैं सिर्फ जॉब और सैलरी के पीछे भागता था, तो मन में बेचैनी रहती थी। Premanand Maharaj की शिक्षाएं बताती हैं कि पैसा तो आता-जाता रहता है, लेकिन ईर्ष्या, द्वेष, काम, क्रोध, लोभ, मोह – इनसे छुटकारा कौन देगा? अगर रोज करोड़ कमाने लगो, तो भी जरूरतें बढ़ती जाएंगी। मैं मानता हूं, संतुष्टि कभी नहीं आएगी। Premanand Maharaj हमें सिखाते हैं कि भगवान ने जितना दिया, उसी में खुश रहो। “साई इतना दीजिए, जहां में कुटुंब समाय” – बस इतना काफी, और भजन करो तो जीवन सुकून से भर जाएगा।
Maharaj से सीखें: पैसा कमाने की दौड़ क्यों व्यर्थ है?

दोस्तों, जरा सोचो। हम घर बनाते हैं, बैंक में पैसे जमा करते हैं, लग्जरी आइटम्स खरीदते हैं। लेकिन Premanand Maharaj की वाणी कहती है कि बिना सत्संग के, बिना आध्यात्म के, चैन कहां? मैंने अपनी जिंदगी में एक्सपीरियंस किया कि ज्यादा पैसा कमाने की कोशिश में नींद उड़ गई, फैमिली टाइम कम हो गया। Premanand Maharaj बताते हैं कि चाहतें कभी खत्म नहीं होतीं – आज एक करोड़, कल दस। लेकिन अगर भजन मार्ग अपनाओ, तो नमक-रोटी में भी शांति मिलती है। मैंने एक बार ट्राई किया, रोज शाम को भजन सुनता हूं, और देखा कि परेशानियां कम लगने लगीं। Premanand Maharaj की ये बात सच्ची है – भगवान से जुड़ो, नाम जपो, तो बेचैनी भाग जाती है। करोड़ कमाओगे तो भी टेंशन साथ आएंगी।
Premanand Maharaj हमें याद दिलाते हैं कि जीवन का असली लक्ष्य पैसा नहीं, बल्कि शांति है। मैंने उनके सत्संग में सुना कि बिना भगवान के भरोसे के, सब सूना है। मेरे एक रिलेटिव थे, जो अमीर थे लेकिन हमेशा उदास। क्यों? क्योंकि उन्होंने आध्यात्म को इग्नोर किया। Premanand महाराज की शिक्षाएं अपनाने से मैंने सीखा कि संतुलन जरूरी है – पैसा कमाओ, लेकिन मन भगवान में लगाओ।
भगवान में मन लगाने का तरीका क्या है?
अब आता है मुख्य सवाल – भगवान में मन कैसे लगाएं? Premanand Maharaj बताते हैं कि शुरुआत में मुश्किल लगता है। जैसे नींद आ जाती है, समय कम लगता है। लेकिन लगातार साधना से माया पर जीत मिलती है। उन्होंने अपनी जवानी की कहानी शेयर की – 15-20 मिनट लेटते, नींद आ जाती, लेकिन उठकर फिर भजन। सुबह 2 बजे उठते, गंगा स्नान जाते। मैंने दिल्ली में रहते हुए ये अपनाया – अर्ली मॉर्निंग उठकर नाम जपता हूं। Premanand Maharaj कहते हैं कि जैसे आर्मी जवान ट्रेनिंग करता है – दौड़, कूद, कष्ट सहन – वैसे ही भक्त को मेहनत करनी पड़ती है।
Premanand Maharaj की ये बात मुझे छू गई कि माया पीछा करेगी, लेकिन नाम जप से बचाव होगा। मैंने देखा है, जो लोग रोज भजन करते हैं, उनके चेहरे पर अलग नूर होता है। भोगों में मन लगाने की बजाय, भगवान में लगता है। दोस्तों, अगर आप भी शुरू करेंगे, तो महसूस होगा। Premanand Maharaj हमें सिखाते हैं कि कठिन साधना से ही पार लगती है। मेरी सलाह – छोटे स्टेप्स से शुरू करो, जैसे 10 मिनट रोज।
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Premanand Maharaj में सच्चे भक्त की पहचान: गिरकर उठना!
चलिए, अब सच्चे भक्त पर बात। Premanand Maharaj कहते हैं कि गिरकर भी प्रभु की ओर बढ़ना – यही असली भक्त है। एक बार गिरे, तो अगली बार ज्यादा कदम बढ़ाओ। 11 कदम चले, गिरे तो 12, फिर 13। पीछे मत मुड़ो। जैसे योद्धा घाव लगने पर जोश बढ़ाता है, वैसे भक्त गिरने पर भगवान की ओर दौड़ता है। मैंने अपनी लाइफ में कई बार फेलियर फेस किया – बिजनेस लॉस, हेल्थ इश्यू। लेकिन Premanand Maharaj की बात याद करके उठा और आगे बढ़ा।
Premanand Maharaj बताते हैं कि इस मार्ग पर वही जीतता है जो हार नहीं मानता। हर गिरावट मजबूती देती है। मैंने सत्संग में देखा कि भगवान खुद हमें स्ट्रॉन्ग बनाते हैं। दोस्तों, ये attitude अपनाओ, तो भजन मार्ग आसान लगेगा। Premanand महाराज की ये शिक्षा जीवन बदल देती है।
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दुख तुरंत दूर करने का उपाय?
कई लोग पूछते हैं – दुख झट से दूर कैसे करें? Premanand Maharaj कहते हैं कि कर्म तो भोगने पड़ेंगे, लेकिन एक कला है – भगवान का नाम। नाम जपो, चित्त प्रभु में जोड़ो, तो शरीर दुख में भी मन आनंद में। जैसे कृष्ण या राधा जी के चरणों में मन लगाओ। मैंने मुश्किल वक्त में ये किया – जॉब लॉस के समय नाम जप से शांति मिली। Premanand Maharaj की वाणी साफ है: संसार में मन रहेगा, तो कष्ट बढ़ेगा।
Premanand Maharaj हमें बताते हैं कि ये कोई शॉर्टकट नहीं, बल्कि असली तरीका है। मैं राकेश, इन शिक्षाओं से इतना प्रभावित हूं कि रोज अपनाता हूं। दोस्तों, आज से ट्राई करो – जीवन में फर्क पड़ेगा।
तो दोस्तों, Premanand Maharaj की शिक्षाओं से समझ आता है कि पैसा जीवन का लक्ष्य नहीं, बल्कि भगवान से जुड़ना है। मैंने ये पोस्ट अपने अनुभवों से लिखी है, उम्मीद है आपको इंस्पायर करेगी। Premanand महाराज का भजन मार्ग अपनाओ, और देखो जिंदगी कैसे खिल उठती है।
FAQs
Premanand Maharaj कौन हैं?
Premanand Maharaj एक आध्यात्मिक गुरु हैं जो भजन मार्ग सिखाते हैं और जीवन के गहरे सवालों के जवाब देते हैं।
भजन मार्ग क्या है?
Maharaj के अनुसार, भगवान का नाम जपना और सत्संग से जुड़ना भजन मार्ग है।
पैसा कमाना क्यों व्यर्थ है?
Maharaj कहते हैं कि बिना आध्यात्म के पैसा शांति नहीं देता, सिर्फ चाहतें बढ़ाता है।
दुख कैसे सहें?
Maharaj की सलाह: नाम जपो, मन भगवान में लगाओ।
सच्चा भक्त कैसे बनें?
Maharaj बताते हैं: गिरकर भी आगे बढ़ो, पीछे मत मुड़ो।



