
गाजियाबाद में STF ने किया ‘फ़र्ज़ी दूतावास’ का भंडाफोड़, हर्षवर्धन जैन गिरफ्तार
नोएडा/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक हैरान कर देने वाली कार्रवाई में गाजियाबाद के कवि नगर इलाके से ‘फ़र्ज़ी दूतावास’ का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार कर लिया है, जो खुद को ‘वेस्ट आर्कटिका’, ‘सबोर्गा’, ‘पॉलविया’ और ‘लोडोनिया’ जैसे नामचीन माइक्रोनेशन देशों का राजदूत बताकर आम जनता को गुमराह कर रहा था।
किराए के मकान से चला रहा था अवैध दूतावास
हर्षवर्धन जैन कवि नगर में किराए के मकान से एक नकली एंबेसी चला रहा था। वो खुद को अलग-अलग माइक्रोनेशन देशों का ‘काउंसल जनरल’ और ‘राजदूत’ बताता था। उसका मकसद लोगों को प्रभावित करके अवैध लाभ कमाना था। आरोपी राजनयिक नंबर प्लेट लगी लग्जरी गाड़ियों में घूमता था, जिससे उसकी पहचान एक वीआईपी राजनयिक के तौर पर हो सके।
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STF को मिली बड़ी सफलता – ये सामान किया जब्त
एसटीएफ को मौके से भारी मात्रा में जाली दस्तावेज़ और अन्य कीमती सामान मिला। जांच में ये सब कुछ बरामद हुआ:
- राजनयिक नंबर प्लेट लगी चार लग्जरी गाड़ियां
- माइक्रोनेशन देशों के 12 नकली राजनयिक पासपोर्ट
- विदेश मंत्रालय की मुहरों वाले जाली दस्तावेज़
- दो नकली पैन कार्ड
- विभिन्न देशों और कंपनियों की कुल 34 मुहरें
- ₹44,70,000 नकद – देसी और विदेशी मुद्रा
- महंगी घड़ियां और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
क्या होता है माइक्रोनेशन?
माइक्रोनेशन वे छोटे और अक्सर अनधिकृत राष्ट्र होते हैं, जिन्हें किसी भी आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय संस्था या देश से मान्यता नहीं मिली होती। ‘वेस्ट आर्कटिका’, ‘सबोर्गा’, ‘पॉलविया’, और ‘लोडोनिया’ जैसे नाम अकसर इंटरनेट पर शौकिया तौर पर बनाए गए राष्ट्र होते हैं, जिनका कोई वैधानिक अस्तित्व नहीं होता।
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STF की जांच में और भी खुलासे संभव
एसटीएफ अब इस मामले में गहराई से जांच कर रही है। ये पता लगाने की कोशिश हो रही है कि आरोपी ने अब तक कितने लोगों को ठगा है और इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है। एसटीएफ के अनुसार यह एक बड़ा जालसाजी और ठगी का मामला है, जिसमें हाई-प्रोफाइल छवि बनाकर लोगों को प्रभावित किया जाता था।
आरोपी के खिलाफ दर्ज हुए गंभीर मुकदमे
हर्षवर्धन जैन के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनवाने, सरकारी पहचान पत्रों के दुरुपयोग और लोगों को गुमराह करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच एजेंसियां अब उसके बैंक अकाउंट्स, प्रॉपर्टी और डिजिटल फाइल्स की भी जांच कर रही हैं।
निष्कर्ष
इस पूरे मामले ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और STF की कार्यकुशलता को उजागर कर दिया है। ऐसे मामलों से यह स्पष्ट है कि समाज में कुछ लोग फर्जीवाड़ा कर विदेशी रुतबा दिखाने की आड़ में मासूम लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। यूपी STF की यह कार्रवाई निश्चित तौर पर समाज के लिए एक बड़ा संदेश है।



