
GST: जीएसटी काउंसिल की बैठ में आज से शुरू हो सकती है बड़ी हलचल
दोस्तों, आज से GST काउंसिल की अहम बैठक शुरू हो रही है और इस बार सबकी नजरें खासतौर पर टैक्स स्लैब्स पर टिकी हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में रोजमर्रा की जरूरत की कई चीज़ों पर लगने वाला टैक्स घटाने का प्रस्ताव आ सकता है। अब सवाल ये है कि आखिर इस फैसले से आम आदमी की जेब पर क्या असर पड़ेगा और किन प्रोडक्ट्स की कीमतें घट सकती हैं?
क्या है मामला?
GST यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स की शुरुआत 2017 में हुई थी। उस वक्त इसका मकसद था अलग-अलग टैक्स को खत्म कर एक यूनिफाइड सिस्टम लाना। लेकिन धीरे-धीरे इसकी स्लैब्स को लेकर विवाद बढ़ता गया। आज भी 5%, 12%, 18% और 28% जैसे कई टैक्स स्लैब लागू हैं। इस बार काउंसिल की बैठक में चर्चा है कि दो टैक्स स्लैब्स को मर्ज कर दिया जाए ताकि टैक्स स्ट्रक्चर आसान हो सके।
रोजमर्रा की चीज़ों पर घट सकता है टैक्स
सबसे बड़ी राहत आम लोगों को मिल सकती है। खबर है कि इस बैठक में साबुन, टूथपेस्ट, पैक्ड फूड्स जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगने वाला GST घटाने पर मुहर लग सकती है। अगर ऐसा हुआ तो सीधे-सीधे इन प्रोडक्ट्स की कीमतें नीचे आ जाएंगी। सोचिए, अगर टूथपेस्ट पर 18% की जगह 12% GST लगे तो हर महीने परिवार का खर्चा कुछ सौ रुपये तक कम हो सकता है।
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कौन-कौन से सेक्टर होंगे प्रभावित?
- FMCG कंपनियां – क्योंकि उनके प्रोडक्ट्स रोजमर्रा की जरूरत से जुड़े होते हैं।
- Retail Market – कीमतें घटने से बिक्री में तेजी आ सकती है।
- Consumers – आम जनता को सीधा फायदा मिलेगा।
सरकार की मंशा क्या है?
सरकार के सामने इस समय दो बड़ी चुनौतियां हैं – महंगाई पर काबू और इकोनॉमी में ग्रोथ लाना। अगर GST काउंसिल रोजमर्रा की चीज़ों पर टैक्स घटाती है तो इसका पॉलिटिकल और इकोनॉमिक दोनों फायदा हो सकता है। चुनावी साल में यह कदम सरकार के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
मिड-रेंज आइटम्स पर बढ़ सकता है टैक्स?
एक और दिलचस्प पहलू यह है कि काउंसिल शायद कुछ प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ा भी सकती है। मतलब जहां रोजमर्रा की चीज़ें सस्ती होंगी, वहीं लग्जरी और मिड-रेंज प्रोडक्ट्स थोड़े महंगे हो सकते हैं। इससे टैक्स कलेक्शन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा और आम आदमी को राहत भी मिलेगी।
पिछली बैठकों से क्या सबक?
पिछली कई बैठकों में देखा गया है कि GST काउंसिल आमतौर पर संतुलन साधने की कोशिश करती है। एक तरफ राजस्व की चिंता रहती है और दूसरी तरफ जनता पर बोझ न बढ़े इसकी जिम्मेदारी भी। यही कारण है कि हर बैठक को लेकर लोगों की उम्मीदें और चिंताएं दोनों बनी रहती हैं।
Expert की राय
टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर दो टैक्स स्लैब्स को मर्ज किया जाता है तो इससे न सिर्फ टैक्स सिस्टम आसान होगा बल्कि बिजनेस करना भी सरल हो जाएगा। खासकर छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को बड़ी राहत मिलेगी।
“अगर सरकार इस बार सच में टैक्स स्ट्रक्चर आसान कर देती है तो यह जीएसटी के इतिहास का सबसे बड़ा सुधार होगा।” – एक टैक्स एनालिस्ट
आम आदमी पर असर
सोचिए, अगर हर महीने की ग्रॉसरी पर आपको 200 से 500 रुपये तक की बचत हो जाए तो यह सीधे आपकी जेब में पैसा है। यही वजह है कि लोग इस बैठक से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं।
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FAQs
1. इस बार की GST काउंसिल बैठक कब हो रही है?
बैठक आज से शुरू हो रही है और इसमें दो दिनों तक अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
2. रोजमर्रा की किन चीज़ों पर टैक्स घट सकता है?
साबुन, टूथपेस्ट, पैक्ड फूड्स और अन्य एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम हो सकता है।
3. क्या सभी प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे?
नहीं, कुछ प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ भी सकता है ताकि राजस्व संतुलित रहे।
4. आम जनता को कितना फायदा होगा?
हर महीने कुछ सौ रुपये तक की बचत संभव है, जो सालाना हजारों रुपये हो सकती है।
5. क्या यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा है?
राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो टैक्स घटाना आम जनता को खुश करने का बड़ा कदम साबित हो सकता है।



