
नई दिल्ली: भारत में नेता किस तरह से करोड़ों का घोटाला करते हैं, इसका चौंकाने वाला खुलासा किया है Supreme Court के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने। अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे फर्जी कंपनियों, बेनामी संपत्तियों और प्रशासनिक ताकतों का दुरुपयोग करके राजनेता जनता के पैसों को अपनी जेब में डालते हैं।
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Supreme Court फर्जी कंपनियों का खेल
अश्विनी उपाध्याय के अनुसार नेता दर्जनों फर्जी कंपनियां बनाकर उन्हें वैध व्यापार की तरह दिखाते हैं। इन कंपनियों के जरिए घोटाले की रकम को वैध रूप में बदल दिया जाता है।
बेनामी संपत्तियों और हवाला नेटवर्क
राजनेता अक्सर बेनामी संपत्तियों के जरिए अपने पैसे को छुपाते हैं और हवाला जैसे गुप्त नेटवर्क से उसे विदेशों में भेज देते हैं। इससे जांच एजेंसियों को उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
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कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग
कई नेता लंबित मुकदमों का फायदा उठाकर प्रशासनिक ताकत और पुलिस का गलत इस्तेमाल करते हैं। अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि कैसे केस को दबाया जाता है या गवाहों को प्रभावित किया जाता है।
उपाय और PIL की भूमिका
उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने Public Interest Litigations (PIL) के माध्यम से ऐसे नेताओं के खिलाफ विशेष अदालतों के गठन और उनके राजनीतिक जीवन पर आजन्म प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
निष्कर्ष
अगर भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है, तो हमें इन घोटालों की रणनीतियों को समझना होगा और ऐसे नेताओं को बेनकाब करना होगा। अश्विनी उपाध्याय का यह वीडियो इसी दिशा में एक अहम कदम है।
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