
Pulse Polio Programme 2025: देशव्यापी अभियान की जोरदार शुरुआत, लाखों स्वास्थ्यकर्मी मैदान में उतरे
नई दिल्ली/बेंगलुरु/अगरतला। देशभर में आज से Pulse Polio Programme 2025 का आग़ाज़ हो गया है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अगुवाई में यह अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। 21 दिसंबर को देश के हज़ारों पोलियो बूथों पर बच्चों को ओरल पोलियो वैक्सीन की दो बूंदें पिलाई जा रही हैं। इसके बाद अगले कुछ दिनों तक स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें घर-घर जाकर उन बच्चों को भी कवर करेंगी, जो किसी कारणवश बूथ तक नहीं पहुंच पाए।
यह अभियान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि भारत भले ही 2014 से पोलियो-मुक्त घोषित हो चुका है, लेकिन पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अब भी वाइल्ड पोलियो वायरस के मामले सामने आते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा पार से संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस तरह के राष्ट्रीय अभियान लगातार जारी रहना ज़रूरी है। इसी लक्ष्य के तहत इस बार भी करोड़ों बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि देश का कोई भी बच्चा पोलियो जैसी गंभीर बीमारी से अछूता न रह जाए।
क्यों चलता है हर साल Pulse Polio Programme 2025 जैसा बड़ा अभियान?
पोलियो एक ऐसा वायरस है जो बच्चों के नर्वस सिस्टम पर हमला करता है और लकवा मार सकता है। कभी भारत में हर साल हजारों बच्चे इसके शिकार होते थे, लेकिन 1995 में शुरू हुए पल्स पोलियो अभियान ने खेल बदल दिया। मशहूर नारा ‘दो बूंद जिंदगी की’ ने घर-घर तक संदेश पहुंचाया।
आखिरी वाइल्ड पोलियो केस 2011 में दर्ज हुआ था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अगर टीकाकरण में ढील पड़ी तो वायरस वापस आ सकता है। इसीलिए Pulse Polio Programme 2025 में भी पूरी ताकत झोंकी गई है। डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, रोटरी इंटरनेशनल और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स जैसे संगठन सरकार का साथ दे रहे हैं।
इस बार के आंकड़े जो चौंकाते हैं
- कर्नाटक में अकेले 62 लाख से ज्यादा बच्चे टारगेट
- बेंगलुरु में 11 लाख बच्चों को कवर करने का प्लान
- त्रिपुरा में 3.40 लाख से अधिक बच्चे
- जम्मू-कश्मीर में करीब 20 लाख बच्चे
- आंध्र प्रदेश में 54 लाख से ज्यादा
ये सिर्फ कुछ राज्यों के उदाहरण हैं। पूरे देश में लाखों स्वास्थ्यकर्मी, आशा वर्कर और स्वयंसेवक सड़कों पर हैं। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल और आंगनवाड़ी केंद्रों पर बूथ लगाए गए हैं।
Pulse Polio Programme 2025 में कैसे भाग लें? अभिभावकों के लिए जरूरी जानकारी
अगर आपके घर में 0 से 5 साल तक का बच्चा है, तो उसे जरूर पोलियो ड्रॉप्स पिलाएं। भले ही रूटीन टीकाकरण में उसे कई डोज मिल चुकी हों, ये अतिरिक्त बूस्टर डोज है जो आंतों में इम्यूनिटी बढ़ाती है।
- 21 दिसंबर को: नजदीकी बूथ पर जाएं। कई राज्यों में ऐप से लोकेशन पता कर सकते हैं, जैसे कर्नाटक का ‘नीयरबाय वैक्सीनेशन सेंटर’ ऐप।
- अगले दिन: अगर छूट गए तो टीम घर आएगी।
- ट्रांजिट पॉइंट्स: यात्रा कर रहे हैं तो स्टेशन या हाईवे पर बूथ उपलब्ध हैं।
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव जैसे नेताओं ने अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और करोड़ों बच्चों को दी जा चुकी है।
राज्यों में क्या हो रहा है खास?
कर्नाटक में स्वास्थ्य मंत्री ने बेलगावी से अभियान की समीक्षा की। आंध्र प्रदेश में सीएम चंद्रबाबू नायडू ने खुद बच्चों को ड्रॉप्स पिलाकर शुभारंभ किया। त्रिपुरा में एनएचएम के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके तैयारियां बताईं। अंडमान-निकोबार में भी बूथ एक्टिव हैं। जम्मू-कश्मीर में 20 लाख बच्चों का लक्ष्य रखा गया है।
हर राज्य में माइक्रो प्लान बनाया गया है – दूर-दराज के इलाकों, ईंट भट्ठों और निर्माण साइटों तक पहुंचने के लिए स्पेशल टीमें गठित की गई हैं।
पोलियो का खतरा अभी क्यों? विशेषज्ञों की राय
2025 में पाकिस्तान में 51 और अफगानिस्तान में 10 वाइल्ड पोलियो केस रिपोर्ट हुए। सीमा पार आवाजाही के कारण भारत में खतरा बना हुआ है। वैक्सीन-डिराइव्ड पोलियो वायरस का भी जोखिम है। इसलिए Pulse Polio Programme 2025 जैसे मास इम्यूनाइजेशन राउंड जरूरी हैं।
रूटीन इम्यूनाइजेशन में आईपीवी इंजेक्शन और ओपीवी ड्रॉप्स दोनों शामिल हैं, लेकिन पल्स राउंड से कम्युनिटी इम्यूनिटी मजबूत होती है। अगर एक भी बच्चा छूट जाए तो पूरा समुदाय जोखिम में पड़ सकता है।
अभियान की सफलता की कहानियां
पिछले सालों में 99% से ज्यादा कवरेज हासिल हुई। स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत से दूरस्थ इलाकों तक वैक्सीन पहुंची। इस बार भी वही जोश दिख रहा है। सोशल मीडिया पर अभिभावक अपील कर रहे हैं कि अपने बच्चों को जरूर ले जाएं।
यह अभियान सिर्फ वैक्सीनेशन नहीं, बल्कि जागरूकता का भी माध्यम है। कई जगहों पर रैलियां और मीडिया वर्कशॉप हुए।
Pulse Polio Programme 2025 के बाद क्या?
अभियान खत्म होने के बाद सर्विलांस जारी रहेगा। एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस के मामलों की मॉनिटरिंग होगी। अगर कहीं संदेह हुआ तो तुरंत रिस्पॉन्स इम्यूनाइजेशन होगा। भारत का लक्ष्य ग्लोबल पोलियो इरेडिकेशन में योगदान देना है।
अभिभावकों से अपील है कि Pulse Polio Programme 2025 को सफल बनाएं। दो बूंदें छोटी लगती हैं, लेकिन ये जीवन भर की सुरक्षा देती हैं। पोलियो मुक्त भारत को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
(यह रिपोर्ट विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य विभागों, पीआईबी और विश्वसनीय सूत्रों पर आधारित है।)
Pulse Polio Programme 2025 से जुड़े आम सवाल
- Pulse Polio Programme 2025 कब शुरू हो रहा है?
21 दिसंबर 2025 से देशभर में बूथों पर, उसके बाद घर-घर सर्वे। - किन बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स देनी हैं?
0 से 5 साल तक सभी बच्चों को, भले ही पहले डोज मिल चुकी हों। - वैक्सीन सुरक्षित है या नहीं?
हां, पूरी तरह सुरक्षित। करोड़ों बच्चों को दी जा चुकी है, कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं। - अगर बूथ पर नहीं जा सके तो क्या?
टीम घर आएगी। ट्रांजिट बूथ भी उपलब्ध हैं। - भारत पोलियो मुक्त क्यों फिर भी अभियान?
पड़ोसी देशों से खतरा है। हर्ड इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए जरूरी।



